दोस्तों, जब से UPI पेमेन्ट पर 1.1% टैक्स की घोषणा हुई है तब से विपक्ष ने देश में बड़ी हाय तौबा मचा रखी है।विपक्ष को तो सरकार को कोसने का ...
दोस्तों, जब से UPI पेमेन्ट पर 1.1% टैक्स की घोषणा हुई है तब से विपक्ष ने देश में बड़ी हाय तौबा मचा रखी है।विपक्ष को तो सरकार को कोसने का बस मौका भर मिलना चाहिए इसलिए जब भी कोई नया कानून या नये नियम लागू होते हैं तो विपक्ष जनता को बरगलाकर सरकार को घेरने में लग जाती है।
दोस्तोंं , सूचना क्रांति के युग की सबसे बड़ी त्रासदी यही है कि लोगों तक सूचनाएं पहुंचने में अब बिलकुल ही देर नहीं लगती।भिन्न-भिन्न माध्यमों से लोगों के पास तरह-तरह की सूचनाएं पहुंचती रहती हैं। इन सूचनाओं के ढ़ेर में बहुत सारी सूचनाएं निराधार भी होती हैं पर आम जनता सूचनाओं के बोझ तले इतना दब चुकी है कि उसके पास सूचनाओं की सत्यता के बारे में जानने की भी फुरसत नहीं है। वह फेक सूचनाओं को भी सही मान लेती है।कोई भी आदमी इसकी सत्यता को पता करने की जहमत नहीं उठाना चाहता और राजनीति के माहिर खिलाड़ी जनता की इसी कमजोरी का फायदा उठाते हैं।
दोस्तों, आपने किसान बिल , सीएए व एन आर सी के मामलों में विपक्ष की पैंतरेबाजी को इससे पहले भी देखा है।जो लोग इसका विरोध कर रहे थे , उन्हें खुद इसके बारे में कुछ खास जानकारी नहीं थी पर वे विरोध दर्ज कराने जरूर पहुंच गये थे।आज UPI पेमेन्ट को लेकर भी लोगों में इसी तरह की गलतफहमी फैलायी जा रही है।
दोस्तों, UPI से पेमेन्ट पहले की तरह ही बिलकुल मुफ्त है।बस world bank और committee on payment and market infrastructures के सुझावों के आधार पर इसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया है जिसे समझने की जरूरत है और आज का यह विडियो इन्हीं गलतफहमियों को दूर करने के मकसद से बनाया गया है।
एप या वायलेट के माध्यम से ट्रांजिक्शन
दोस्तों, UPI एप या वायलेट के माध्यम से दो तरह के ट्रांजिक्शन होते हैं।पहला ट्रांजिक्शन होता है UPI वायलेट में जिसका हिसाब किताब प्राप्त करने के लिए सरकार को बहुत मेहनत मशक्कत करनी पड़ती है और दूसरा ट्रांजिक्शन होता है बैंक एकांउट में जिसका हिसाब सरकार के पास बड़ी ही आसानी से पहुंच जाता है।
आप UPI एप के माध्यम से अपने UPI वायलेट या बैंक एकाउन्ट ,यानि किसी भी माध्यम से किसी के UPI आइडी के माध्यम से उसके बैंक एकांउट में भी पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं और बैंक एकाउन्ट में यह ट्रांजिक्शन बिना UPI आइडी के डायरेक्ट भी हो सकता है।
अगर आप किसी UPI एप के माध्यम से किसी को भी अपने UPI वायलेट से पैसे पे करें या अपने एकांउट से, पेमेन्ट रीसीव करने वाला इस पेमेन्ट को अपने UPI वायलेट में रीसीव करे या अपने बैंक अकांउट में, आपको पहले की तरह ही कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा। इस ट्रांजिक्शन की लिमिट भी पहले की तरह ही है जो अलग-अलग UPI एप के अनुसार अलग- अलग हैं।
अगर आप UPI एप के माध्यम से अपने UPI वायलेट या बैंक अकाउंट से किसी दुकानदार के बैंक अकाउंट में कितनी भी बड़ी रकम पे करते हैं तो न तो आपको कोई चार्ज देना है और न ही दुकानदार को इस ट्रांजिक्शन के लिए कोई एक्सट्रा चार्ज देना होगा ।यह पहले की तरह ही अभी भी बिलकुल ही नि: शुल्क है।
अगर आप किसी को UPI एप के माध्यम से अपने UPI वायलेट या बैंक अकांउट से उसके UPI वायलेट में 2000 रूपये से अधिक की रकम पे करते हैं तो आपको तो पहले की तरह ही कोई रकम नहीं चुकानी होगी पर उस दुकानदार को इस ट्रांजिक्शन पर 1.1% का टैक्स देना होगा जो सरचार्ज के रूप में उस दुकानदार के एकांउट से बैंक अपने आप डिडक्ट कर लेगी।
दोस्तों, सारा खेल UPI वायलेट के " में " और " से " का है। UPI ट्रांजिक्शन के मामले में कोई भी दुकानदार अपने बैंक एकांउट में तो कितनी भी बड़ी रकम ले सकता है पर UPI वायलेट में वह 2000 रूपये से अधिक की रकम नहीं ले सकता।ऐसा करने पर उसे यह 1.1% का टैक्स पे करना होगा हां UPI वायलेट से पैसा चाहे UPI वायलेट में पे किया जाय या बैंक एकांउट में , पे करने वाले को पहले की तरह ही कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा।
दोस्तों, इस विडियो में इस तथ्य को अलग-अलग उदाहरण के माध्यम से समझाया गया है साथ ही यह भी बताया गया है कि आखिर इस तरह के नियम लाने के लिए सरकार क्यों बाध्य हुई ?
दोस्तों , 80 से पहले के दशकों में पैदा हुई पीढ़ी में से बहुत सारे लोगों को वैसे ही मोबाइल , इन्टरनेट व आनलाइन ट्रांजिक्शन के बारे में कोई खास जानकारी नहीं है ऊपर से तरह तरह के साइबर क्राइम की खबरों के बारे में पढ़ - सुनकर वह आनलाइन ट्रांजिक्शन से भरसक बचने का प्रयास करती है।यह विडियो ऐसे लोगों की ही तमाम तरह की गलतफहमियों को दूर करने के लिए बनाया गया है अत: इसे समय निकालकर खुद भी देखें और दूसरे लोगों तक भी इसे पहुंचाएं ताकि और लोगों की गलतफहमियां भी दूर हो सके ।
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